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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण: GRAP-2 लागू, हवा की गुणवत्ता और बिगड़ने का खतरा

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सोमवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP-2 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) को लागू करने का आदेश दिया है। यह कदम NCR में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

आयोग के आदेश में कहा गया, “वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयास में, सब-कमेटी ने निर्णय लिया कि 22 अक्टूबर 2024 की सुबह 8:00 बजे से एनसीआर में सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा GRAP-2 के तहत की जाने वाली सभी कार्रवाइयों को लागू किया जाएगा। इसके साथ ही पहले से लागू GRAP-I की कार्रवाइयाँ भी जारी रहेंगी।”

दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुँच गई है। AQICN वेबसाइट के अनुसार, आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 226 दर्ज किया गया, जो “अस्वस्थ” श्रेणी में आता है। इसके अलावा, मदर डेयरी प्लांट, आईटीओ, आईटीआई शाहदरा और अन्य क्षेत्रों में भी AQI “अस्वस्थ” से लेकर “बहुत अस्वस्थ” की श्रेणी में पाया गया।

AQI का स्तर शून्य से 50 तक अच्छा माना जाता है, 51 से 100 संतोषजनक, 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बहुत खराब और 401 से 500 गंभीर श्रेणी में आता है।

CAQM ने क्या कहा?

CAQM ने नागरिकों से अपील की है कि वे निजी वाहनों का कम से कम उपयोग करें और अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें। साथ ही, दिल्ली-एनसीआर के लोगों को सुझाव दिया गया है कि वे भीड़भाड़ से बचने के लिए लंबा रास्ता चुनने में भी हिचकिचाएँ नहीं, और यात्रा के दौरान टेक्नोलॉजी का उपयोग करें।

आयोग ने यह भी सलाह दी है कि वाहन मालिक नियमित रूप से अपने वाहनों के एयर फिल्टर को अनुशंसित अंतराल पर बदलते रहें। अक्टूबर से जनवरी तक धूल उत्पन्न करने वाली निर्माण गतिविधियों से बचने की भी सिफारिश की गई है।

डॉक्टरों की चिंता

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के क्रिटिकल केयर विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. राजेश चावला ने ANI को बताया कि वायु प्रदूषण का स्तर पहले की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगभग 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

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