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चंडीगढ़ के निवासी से दोस्त का बेटा बनकर 16 लाख की ठगी

चंडीगढ़: साइबर ठगी के मामलों में एक और घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति से दोस्त के बेटे का झांसा देकर 16 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। पीड़ित हर्चरण सिंह संधू ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि एक व्यक्ति ने खुद को उनके दोस्त का बेटा बताकर उनसे वित्तीय मदद मांगी और धोखाधड़ी से पैसे ऐंठ लिए।

कैसे रची गई ठगी की साजिश?

संधू ने बताया कि उन्हें एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई, जिसमें व्यक्ति ने खुद को शिवा बताया और कहा कि वह संधू के दोस्त का बेटा है। शुरुआती बातचीत में ही उसने अपनी आर्थिक तंगी की बात कही और सहायता की गुहार लगाई। उसने संधू से कहा कि इस मामले की जानकारी किसी और को न दें, क्योंकि वह अपने परिवार में इस बारे में बात नहीं कर सकता।

पैसे भेजने के लिए दिए कई बैंक खाते

पुलिस के अनुसार, ठग ने हर्चरण सिंह संधू को कई बैंक खातों की जानकारी दी और प्रत्येक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा। ठग की चालाकी इतनी थी कि उसने हर बार संधू से अलग-अलग खाते में पैसे डलवाए। संधू ने ठग की बातों में आकर कुल 12 बार में 16.01 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब संधू को बाद में एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं, तब तक काफी देर हो चुकी थी।

पीड़ित का बयान

हर्चरण सिंह संधू ने कहा, “शिवा ने खुद को मेरे दोस्त का बेटा बताया और उसकी बातों में मुझे कोई संदेह नहीं हुआ। उसने मुझसे बार-बार कहा कि मैं किसी और को न बताऊं, जिससे मुझे लगा कि वह सच में परेशानी में है। मैंने मदद के इरादे से पैसे भेजे, लेकिन अब मुझे समझ में आ रहा है कि यह सब एक धोखा था।”

पुलिस ने दर्ज किया मामला

चंडीगढ़ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में इस मामले की शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा, “यह मामला एक संगठित साइबर ठगी का प्रतीक है, जहां अपराधी खुद को पीड़ित के करीबी रिश्तेदार के रूप में पेश करते हैं और उनसे भावनात्मक जुड़ाव का फायदा उठाते हैं।” पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ठग के बैंक खातों की जानकारी जुटा रही है, ताकि उसे ट्रेस किया जा सके।

साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानियां

इस घटना से यह साफ है कि साइबर अपराधी नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोगों को भावनात्मक रूप से फंसाकर ठगी कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी अनजान कॉल या मैसेज पर भरोसा करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। अगर कोई वित्तीय सहायता मांगता है, तो पहले संबंधित व्यक्ति से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करें और सच्चाई की पुष्टि करें।

इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए पुलिस का सुझाव है कि लोग साइबर सुरक्षा पर ध्यान दें और किसी भी वित्तीय लेन-देन से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें। अगर कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

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