Prime Khabri | विशेष रिपोर्ट
देश के कई हिस्सों में इन दिनों तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर जा चुका है। मौसम विभाग लगातार Heat Wave अलर्ट जारी कर रहा है। ऐसे में सवाल उठता है — इस झुलसा देने वाली गर्मी में आम नागरिक अपनी सेहत की सुरक्षा कैसे करे? डॉक्टरों की राय, विशेषज्ञों की चेतावनी और सरकारी दिशा-निर्देशों के आधार पर हमने तैयार की है यह विशेष रिपोर्ट।
हीटवेव क्या है और क्यों हो रही है इतनी घातक?
Heat Wave यानी लू — जब वातावरण का तापमान सामान्य से बहुत अधिक हो जाता है और कई दिनों तक बना रहता है।
भारत में यह समस्या मई-जून के महीनों में अधिक देखने को मिलती है। वैज्ञानिक मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और वनों की कटाई जैसे कारण हीटवेव को और खतरनाक बना रहे हैं।
हीटवेव के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव
गर्मी केवल असहजता नहीं देती, यह जानलेवा भी हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, हीटवेव के दौरान शरीर में पानी की कमी, इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन, ब्लड प्रेशर गिरना और यहां तक कि हीट स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
सबसे अधिक खतरा किन्हें होता है?
- बुजुर्गों को
- छोटे बच्चों को
- गर्भवती महिलाओं को
- हृदय व मधुमेह रोगियों को
- मजदूरों व खुले में काम करने वालों को
हीटवेव से प्रभावित शहर और राज्य
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मई 2025 में निम्नलिखित शहरों और राज्यों में हीटवेव की स्थिति गंभीर बनी हुई है:
- राजस्थान: जयपुर (44.8°C), श्रीगंगानगर (47.6°C), बीकानेर, चूरू, जोधपुर
- उत्तर प्रदेश: कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज
- दिल्ली-एनसीआर: दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम
- हरियाणा: फरीदाबाद, पानीपत, हिसार
- पंजाब: अमृतसर, लुधियाना, पटियाला
- मध्य प्रदेश: भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, इंदौर
- झारखंड: रांची, जमशेदपुर
- बिहार: पटना, गया
- ओडिशा: भुवनेश्वर, बालासोर
- छत्तीसगढ़: रायपुर, बिलासपुर
- महाराष्ट्र: नागपुर, अकोला, चंद्रपुर
इन क्षेत्रों में तापमान 44 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, और ‘फील्स लाइक’ तापमान 50 डिग्री से भी अधिक महसूस हो रहा है।
हीटवेव के दौरान अपनाएं ये स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय
1. हाइड्रेशन रखें प्राथमिकता में
- दिन में 8-10 गिलास पानी अवश्य पिएं
- नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, आम पन्ना जैसे पेय शामिल करें
- कैफीन व अल्कोहल से परहेज करें
2. धूप में निकलने से बचें
- सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक बाहर जाने से बचें
- यदि निकलना ज़रूरी हो तो छाता, टोपी, धूप का चश्मा और हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें
3. घर को ठंडा रखने के प्रयास करें
- खिड़कियों पर मोटे पर्दे या अंधेरे रंग के कवर लगाएं
- कूलर, पंखा, या प्राकृतिक वेंटिलेशन का उपयोग करें
- फर्श को दिन में दो बार पानी से पोछें, इससे ठंडक बनी रहती है
4. हल्का व संतुलित भोजन लें
- तली-भुनी चीजों से परहेज करें
- अधिक फल और सब्ज़ियां जैसे खीरा, तरबूज, ककड़ी, पपीता आदि खाएं
5. बुजुर्गों और बच्चों पर रखें विशेष ध्यान
- उन्हें धूप में बिलकुल न निकलने दें
- समय-समय पर पानी पिलाते रहें
- ठंडी जगह पर रहने की व्यवस्था करें
हीट स्ट्रोक के लक्षण पहचानें
अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- अत्यधिक पसीना आना या पसीना बिल्कुल बंद हो जाना
- चक्कर आना, उल्टी या मिचली
- तेज़ बुखार
- त्वचा का गर्म और सूखा हो जाना
- चेतना खोना या भ्रम की स्थिति
क्या करें?
- व्यक्ति को छांव या ठंडी जगह पर लाएं
- कपड़े ढीले कर दें
- गीले कपड़े से शरीर को पोछें
- डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें
सरकारी दिशा-निर्देश क्या कहते हैं?
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) व स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों को जागरूक करने के लिए हीटवेव गाइडलाइन जारी की है। राज्यों में हीट एक्शन प्लान भी लागू किए गए हैं, जिसमें स्कूलों के समय में बदलाव, पानी की उपलब्धता और स्वास्थ्य सेवाओं की तत्परता शामिल है।
डिजिटल मदद: Apps और Alert सेवाएँ
- मौसम ऐप्स (IMD, AccuWeather) से तापमान की जानकारी लेते रहें
- NDMA का SMS अलर्ट सिस्टम या राज्य सरकार की वेबसाइट से अपडेट पाते रहें
- कुछ शहरों में WhatsApp के जरिए भी हीटवेव अपडेट्स भेजे जा रहे हैं
किन बातों को बिल्कुल न करें नज़रअंदाज़
सावधानी | क्यों ज़रूरी है |
पसीना बंद हो जाए | यह हीट स्ट्रोक का संकेत हो सकता है |
कमज़ोरी महसूस होना | शरीर में पानी और नमक की कमी |
बच्चों को अकेले बाहर भेजना | हीटवेव उनके शरीर पर गंभीर असर डाल सकती है |
हीटवेव कोई साधारण मौसम नहीं, बल्कि एक मौन आपदा है। इसमें लापरवाही नहीं, बल्कि सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए इन उपायों को अपनाएं और दूसरों को भी जागरूक करें।
और इस तरह की और जानकारी के लिए जुड़े रहिए Prime Khabri के साथ।