दीपावली कब है? दीवाली, जिसे दीपावली या रोशनी का पर्व भी कहा जाता है, हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है जिसे हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू चंद्र पंचांग के अनुसार, यह कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को आता है, जो वर्ष की सबसे अंधेरी रात होती है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों, रंगोली, और झिलमिलाती रोशनी से सजाते हैं।
इस साल 2024 दीवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन छोटी दीवाली (नरक चतुर्दशी) और लक्ष्मी पूजा एक साथ मनाई जाएगी।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त:
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 6:52 बजे से 8:41 बजे तक
- प्रदोष काल: 6:10 बजे से 8:52 बजे तक
- वृषभ काल: 6:52 बजे से 8:41 बजे तक
- अमावस्या तिथि आरंभ: 31 अक्टूबर को सुबह 6:22 बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त: 1 नवंबर को सुबह 8:46 बजे
दीवाली 2024 कैलेंडर: पाँच दिन की रोशनी का पर्व:
तारीख | त्योहार |
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29 अक्टूबर | धनतेरस |
31 अक्टूबर | छोटी दीवाली (नरक चतुर्दशी) |
31 अक्टूबर | दीवाली और लक्ष्मी पूजा |
2 नवंबर | गोवर्धन पूजा |
3 नवंबर | भाई दूज |
दीवाली के पाँच दिन:
हर दिन का अपना खास महत्व और अलग-अलग पूजा विधियाँ होती हैं। आइए जानते हैं इन पाँच दिनों के बारे में:
पहला दिन: धनतेरस
धनतेरस से दीवाली की शुरुआत होती है। इस दिन लोग देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं और समृद्धि और धन की कामना करते हैं। नई चीजें खरीदना, जैसे कि सोने के सिक्के, आभूषण या बर्तन खरीदने का विशेष महत्व होता है।
दूसरा दिन: नरक चतुर्दशी या छोटी दीवाली
इस दिन को भगवान कृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर का वध करने की विजय के रूप में मनाया जाता है।
तीसरा दिन: दीवाली
दीवाली का मुख्य दिन भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। यह अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। लोग इस दिन अपने घरों को दीयों, रंगोली और रोशनी से सजाते हैं और शाम को लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं।
चौथा दिन: गोवर्धन पूजा
दीवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। यह पर्व गोवर्धन पर्वत की पूजा के लिए समर्पित है, जिसे भगवान कृष्ण ने मथुरा के लोगों को इंद्र देव के प्रकोप से बचाने के लिए उठाया था।
पाँचवां दिन: भाई दूज
दीवाली के पांचवें दिन भाई दूज मनाया जाता है, जो भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के अनोखे रिश्ते का प्रतीक है।
इस प्रकार, दीवाली का त्योहार पाँच दिनों तक चलने वाले उत्सव का पर्व है, जो हर दिन के साथ नई खुशियाँ और उमंग लेकर आता है।