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कंपनी ने बोला छुट्टी कौन सी छुट्टी? बीमार हो तो भी ऑफिस आओ अब बस काम ही काम!

काम के व्यस्त सीज़न के दौरान कंपनियां अक्सर छुट्टी पर प्रतिबंध लगाती हैं, खासकर उन उद्योगों में जहां मौसमी मांग अधिक होती है। लेकिन हाल ही में एक कंपनी के “ब्लैकआउट” पीरियड की नीति, जिसमें बीमार छुट्टियों पर भी रोक लगाई गई है, सोशल मीडिया पर भारी विरोध का कारण बनी।

क्या था कंपनी का नोटिस?
एक Reddit पोस्ट में साझा किए गए नोटिस में कहा गया:
“25 नवंबर से 31 दिसंबर तक छुट्टी, बीमार छुट्टी या अन्य समय की छुट्टी पर पूरी तरह से रोक रहेगी। यह हमारे सबसे व्यस्त दिनों में से हैं, और हमें सभी कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। किसी भी प्रकार की छुट्टी को मंजूरी नहीं दी जाएगी। धन्यवाद।”

कर्मचारियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया
इस नीति ने सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा कर दिया। Reddit पर कई उपयोगकर्ताओं ने इसे कर्मचारियों की सेहत और भलाई के प्रति लापरवाह बताया।

क्या कहा लोगों ने?

  • कई लोगों ने बताया कि इस तरह की “ब्लैकआउट” नीतियां खुदरा और आतिथ्य जैसे उद्योगों में आम हैं। लेकिन बीमार छुट्टियों पर प्रतिबंध को अनुचित और अस्वाभाविक बताया गया।
  • कुछ ने अपनी कहानियां साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने ऐसे ही कठोर नियमों के तहत काम किया। एक व्यक्ति ने कहा कि यह नीतियां न केवल तनाव बढ़ाती हैं बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देती हैं।
  • कई यूजर्स ने चेताया कि इस तरह के सख्त नियम न केवल कर्मचारियों का मनोबल गिराते हैं बल्कि लंबे समय में कर्मचारियों की कमी का कारण बन सकते हैं।

क्या है विशेषज्ञों की राय?
विशेषज्ञ मानते हैं कि व्यस्त समय में छुट्टी प्रतिबंध सामान्य हो सकता है, लेकिन बीमार छुट्टी को इसमें शामिल करना गलत है। इससे कर्मचारियों के स्वास्थ्य और ग्राहकों की सुरक्षा दोनों पर खतरा होता है।

समाप्ति पर विचार
ऐसी नीतियां कंपनियों के लिए कामकाज को सुव्यवस्थित रखने का जरिया हो सकती हैं, लेकिन यह जरूरी है कि कर्मचारी कल्याण और संतुलन बनाए रखा जाए। आखिरकार, स्वस्थ और खुशहाल कर्मचारी ही किसी कंपनी की असली ताकत होते हैं।

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