18 जुलाई 2025 को जियोहॉटस्टार पर स्ट्रीम हुई Special Ops 2 एक बार फिर चर्चा में है। नीरज पांडे और शिवम नायर के निर्देशन में बनी इस वेब सीरीज़ ने इस बार जासूसी की पारंपरिक दुनिया को छोड़कर टेक्नोलॉजी, साइबर जंग और आर्थिक धोखाधड़ी जैसे बेहद मौजूदा मुद्दों को अपनी कहानी का हिस्सा बनाया है। एक ओर जहां हिम्मत सिंह (के के मेनन) का किरदार फिर से अपने पुराने रंग में दिखता है, वहीं दूसरी ओर कहानी में कई ऐसे मोड़ और टर्न्स हैं जो दर्शकों को उलझा देते हैं।
पहले सीज़न की सफलता के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि दूसरा सीज़न और भी कसा हुआ होगा, लेकिन इस बार जासूसी की दुनिया में तेज़ी से भागते डिजिटल युग की सच्चाई और जटिलताएं कुछ इस तरह सामने आईं कि कहानी कई जगहों पर भटकती नजर आई।
कहानी की शुरुआत होती है दो बड़ी घटनाओं से — बुडापेस्ट में एआई साइंटिस्ट डॉ. पियूष भार्गव (अरिफ जकारिया) का अपहरण और दिल्ली में रॉ एजेंट विनोद शेखावत (टोता रॉय चौधरी) की हत्या। इन दोनों घटनाओं की कड़ी जोड़ने के लिए फिर से मैदान में उतरते हैं हिम्मत सिंह, जो अपनी टीम के साथ एक बार फिर वैश्विक साज़िश की तह तक पहुंचने निकलते हैं।
यह बारूद से नहीं, कोड से लड़ी जा रही जंग है
Special Ops 2 सीज़न में दुश्मन है सुधीर अवस्थी (ताहिर राज भसीन), एक ऐसा बिज़नेसमैन जो सिर्फ बंदूक से नहीं, बल्कि मेगासस नामक एक स्पायवेयर के ज़रिए देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को हिला देना चाहता है। यह नाम साफ तौर पर पेगासस से प्रेरित है और दर्शकों को हालिया डेटा लीक व UPI से जुड़े साइबर खतरों की याद दिलाता है।

सुधीर की योजना सिर्फ एक सिस्टम को नहीं, बल्कि पूरे डिजिटल भारत को अस्थिर करने की है। हिम्मत की टीम जिसमें फारुख (करण टैकर), अविनाश (मुज़म्मिल इब्राहिम), जूही (सायामी खेर), रुहानी (शिखा तलसानिया) जैसे पात्र शामिल हैं, दुनिया भर में फैले जाल को सुलझाने में जुट जाती है। हंगरी, जॉर्जिया, बुल्गारिया, डोमिनिका और ग्रीस जैसे देशों के दृश्य एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की फिल्म का एहसास देते हैं।
हिम्मत सिंह: एक इंसान, एक भाव, एक सिस्टम
सीरीज़ की सबसे बड़ी ताकत फिर से के के मेनन ही हैं। हिम्मत सिंह का किरदार इस बार पहले से ज्यादा मानवीय दिखता है—एक पिता, एक पति और एक अधिकारी के बीच की कशमकश। उनकी पत्नी सरोज (गौतमी कपूर) और बेटी परी (रेवती पिल्लई) के साथ के दृश्य कहानी को एक इमोशनल एंगल देते हैं, जिससे दर्शक केवल मिशन से नहीं, किरदारों से भी जुड़ाव महसूस करते हैं।
उनकी संवाद अदायगी और संयमित अभिनय को सोशल मीडिया पर “थेरेपी जैसा” और “गूजबम्प्स वाला परफॉर्मेंस” बताया गया है। खासतौर पर जब वे कहते हैं, “ये सब मुझे कल बताना,” तो वह एक सख्त अफसर नहीं, बल्कि एक थका हुआ लेकिन दृढ़ इंसान नजर आता है।
सुधीर अवस्थी: एक नया किस्म का खलनायक
ताहिर राज भसीन ने सुधीर के किरदार में एक परिपक्व और शांत खतरनाक छवि बनाई है। वह गोली नहीं चलाता, लेकिन उसकी योजना एक पूरे देश की नींव को हिला सकती है। उसकी रणनीति और बुद्धिमत्ता उसे एक दमदार विरोधी बनाती है। ऐसे खलनायक को देखकर दर्शक सिर्फ डरते नहीं, सोचने पर भी मजबूर होते हैं।
तकनीकी मजबूती, लेकिन भावनात्मक कमजोरी
Special Ops 2 सीरीज़ का प्रोडक्शन स्तर बेहद शानदार है। सिनेमैटोग्राफी, एक्शन सीक्वेंस और बैकग्राउंड म्यूज़िक पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं। लेकिन कहानी में कई ऐसे उप-प्रसंग हैं जो मुख्य कथा से भटकते नजर आते हैं। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले को जोड़ने की कोशिश कहानी को बोझिल बना देती है। साथ ही, कई किरदार जैसे फारुख और जूही इस बार पर्याप्त स्क्रीन टाइम नहीं पाते, जिससे उनकी पिछली छवि धुंधली हो जाती है।

कुछ दर्शकों को यह भी शिकायत रही कि सीरीज़ का क्लाइमैक्स बहुत जल्दबाजी में और अपेक्षा से ज्यादा सरल तरीके से निपटा दिया गया। देशद्रोही का खुलासा एकदम से किया गया, लेकिन उस पर भावनात्मक निवेश न के बराबर रहा।
सोशल मीडिया और आलोचकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
जहां एक तरफ Komkoi जैसी वेबसाइट्स ने इस सीज़न को “समय के साथ चलता” और “प्रासंगिक” बताया है, वहीं कुछ प्लेटफॉर्म्स जैसे स्क्रॉल.इन ने इसकी धीमी गति और कथानक की जटिलता की आलोचना की है। दर्शकों का भी अनुभव बंटा हुआ है—कुछ ने इसे “माइंड ब्लोइंग” कहा, तो कुछ ने 1.5/5 की रेटिंग देते हुए इसे “वक्त की बर्बादी” बताया।
आख़िर में क्या कहें?
Special Ops 2 एक साहसी प्रयोग है, जो परंपरागत जासूसी के ढांचे को तोड़कर नई दिशा में बढ़ता है। के के मेनन की प्रभावशाली अदाकारी, वैश्विक स्तर की तकनीकी गुणवत्ता और साइबर युद्ध की प्रासंगिकता इसे एक बार देखने लायक जरूर बनाते हैं। लेकिन कहानी की रफ्तार, भावनात्मक जुड़ाव की कमी और कुछ पात्रों के अधूरे आर्क्स इसे उस ऊंचाई तक नहीं पहुंचने देते जो पहले सीज़न ने बनाई थी।
अगर आप एक थ्रिलर के साथ-साथ डिजिटल खतरों की गंभीरता को महसूस करना चाहते हैं, तो इसे जरूर देखें — लेकिन उम्मीदें ज़रा संभालकर रखें। साथ ही Special Ops 1.5 देखना न भूलें, वरना कुछ धागे अधूरे लग सकते हैं।
Streaming Platform: JioHotstar (all episodes available as of July 18, 2025)
डिस्क्लेमर: यह लेख दर्शकों को सीरीज़ की जानकारी और समीक्षात्मक विश्लेषण प्रदान करने हेतु लिखा गया है। इसमें व्यक्त विचार स्वतंत्र विश्लेषण पर आधारित हैं, जिनका उद्देश्य केवल सूचनात्मक है।