चंडीगढ़, पंजाब – पंजाब सरकार ने एक महत्वपूर्ण और दूरगामी फैसला लिया है, जिसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC) से संबंधित सभी पंजीकरण और नवीनीकरण की शक्तियां अब क्षेत्रीय अधिकारियों को सौंप दी गई हैं। यह कदम वर्षों से लंबित पड़े आरसी और डीएल के विशाल काम के बोझ को खत्म करने और राज्य के नागरिकों को तेज़ एवं आसान सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस ऐतिहासिक निर्णय से न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुव्यवस्थित होंगी, बल्कि लाखों पंजाबियों को ड्राइविंग और वाहन संबंधी कार्यों के लिए अनावश्यक देरी और परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।
परिवहन मंत्री सरदार लालजीत सिंह भुल्लर ने इस निर्णय को जनहितैषी बताते हुए कहा कि यह पहल लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब नागरिक अपने पुराने वाहनों और ड्राइविंग लाइसेंसों को ऑनलाइन माध्यम से डिजिटाइज़ (डिजिटल स्वरूप) कर सकेंगे और संबंधित दस्तावेजों का नवीनीकरण भी आसानी से करवा सकेंगे। यह आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण (डिजिटल प्रक्रिया) की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाएगा। पहले इन कार्यों में अत्यधिक समय लगता था और अक्सर लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे, जिससे उनके समय और संसाधनों का अपव्यय होता था। अब यह प्रक्रिया काफी सरल हो जाएगी।
मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस निर्णय का प्राथमिक उद्देश्य जनता को राहत प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि वर्षों से जमा हुए आरसी और डीएल से संबंधित कार्यों के लंबित होने से नागरिकों को गंभीर असुविधा में डाल दिया था। कई लोगों को अपने वाहनों या ड्राइविंग लाइसेंसों के नवीनीकरण के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था, जिससे उनके दैनिक जीवन और व्यावसायिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता था। इस निर्णय से इन सभी बाधाओं को दूर करने में मदद मिलेगी।
इस नई व्यवस्था के प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, पंजाब के सभी पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्राधिकरणों (अधिकारियों) को विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वे तत्काल प्रभाव से आरसी और डीएल से संबंधित लंबित कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें। इस काम के बोझ को तेजी से निपटाने के लिए एक सुनियोजित रणनीति तैयार की गई है।
पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, एक महत्वपूर्ण शर्त जोड़ी गई है: आरसी और डीएल के लंबित मामलों के लिए कार्यकारी मजिस्ट्रेट से सत्यापित एक हलफनामा अनिवार्य होगा। यह कदम किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या अनियमितता को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि केवल वास्तविक और वैध मामलों को ही संसाधित (प्रक्रियाबद्ध) किया जाए। इस प्रक्रिया से फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी और सरकारी सेवाओं की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
इसके अतिरिक्त, पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए, एक स्थायी विभागीय कर्मचारी को ड्राइविंग लाइसेंस/आरसी से संबंधित लंबित प्रविष्टियों को दर्ज करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। यह कर्मचारी इन प्रविष्टियों को परिवहन पोर्टल पर सत्यापित करेगा और संबंधित अधिकारी से अनुमोदन प्राप्त करेगा। यह दो-स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि सभी डेटा (जानकारी) सटीक और अद्यतन हैं।
जवाबदेही और दैनिक प्रगति की निगरानी के लिए, संबंधित अधिकारियों को मुख्यालय को आरसी और डीएल के लंबित अनुमोदनों की दैनिक रिपोर्ट भेजने की आवश्यकता होगी। यह दैनिक रिपोर्टिंग प्रणाली यह सुनिश्चित करेगी कि लंबित कार्यों को लगातार कम किया जा रहा है और किसी भी समस्या या देरी को तुरंत पहचाना और हल किया जा सकता है। यह प्रबंधन को भी पूरी प्रक्रिया पर बेहतर नियंत्रण रखने में मदद करेगा।
कुल मिलाकर, पंजाब सरकार का यह निर्णय राज्य में प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल आरसी और डीएल से संबंधित सेवाओं को नागरिकों के लिए अधिक सुलभ और कुशल बनाएगा, बल्कि यह पारदर्शिता और जवाबदेही के उच्च मानकों को भी स्थापित करेगा। इस पहल से पंजाब के नागरिकों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने की उम्मीद है, क्योंकि उन्हें अब इन महत्वपूर्ण दस्तावेजों को प्राप्त करने या नवीनीकृत करने के लिए कम बाधाओं का सामना करना पड़ेगा। यह निर्णय वास्तव में एक नागरिक-केंद्रित प्रशासन की दिशा में एक मिसाल कायम करेगा।