4 मई 2025 को देशभर में नीट यूजी (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट) 2025 का आयोजन हुआ। इस बार करीब 22.7 लाख उम्मीदवारों ने इस मेडिकल प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लिया, जो 5453 केंद्रों पर 500 से अधिक शहरों और 13 विदेशी शहरों में आयोजित की गई। पिछले साल के पेपर लीक विवाद के बाद इस बार राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया था। लेकिन सवाल यह है कि इस बार का पेपर कैसा रहा? क्या यह उम्मीदवारों के लिए आसान था या चुनौतीपूर्ण? आइए, इस लेख में हम नीट 2025 के पेपर का विस्तृत विश्लेषण करते हैं, जिसमें छात्रों की प्रतिक्रियाएँ, विशेषज्ञों की राय और इस साल की खास बातें शामिल हैं।
नीट 2025: एक नजर में
नीट यूजी 2025 का पेपर 4 मई को दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक पेन-एंड-पेपर मोड में आयोजित किया गया। पेपर में कुल 180 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) थे, जो चार खंडों में बंटे थे: भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), वनस्पति विज्ञान (Botany), और प्राणी विज्ञान (Zoology)। प्रत्येक सही जवाब के लिए 4 अंक मिलते हैं, जबकि गलत जवाब के लिए 1 अंक काटा जाता है। अनुत्तरित प्रश्नों के लिए कोई अंक नहीं मिलता। कुल मिलाकर, पेपर 720 अंकों का था। इस बार प्रश्नपत्र 13 भाषाओं में उपलब्ध था, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, बंगाली, तमिल, तेलुगु आदि शामिल थे।
पिछले साल के पेपर लीक के विवाद के बाद इस बार NTA ने कई कदम उठाए। 700 अतिरिक्त परीक्षा केंद्र जोड़े गए, और प्रश्नपत्रों को पुलिस की निगरानी में केंद्रों तक पहुँचाया गया। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए NTA ने 106 टेलीग्राम चैनलों और 16 इंस्टाग्राम अकाउंट्स को निशाना बनाया, जो पेपर लीक की फर्जी खबरें फैला रहे थे। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने भी स्पष्ट किया कि पेपर लीक की सभी खबरें झूठी थीं।
पेपर का कठिनाई स्तर: क्या कहते हैं छात्र?
परीक्षा खत्म होने के बाद छात्रों की प्रतिक्रियाएँ मिली-जुली रहीं। कई छात्रों ने इस साल के पेपर को पिछले सालों की तुलना में अधिक कठिन बताया, खासकर समय प्रबंधन के मामले में। दिल्ली के एक छात्र, अक्षय ने बताया, “पेपर लंबा था, और समय बहुत कम। भौतिकी के सवालों ने तो सिर चकरा दिया। बायोलॉजी ठीक थी, लेकिन केमिस्ट्री में कुछ सवालों ने उलझन में डाल दिया।” वहीं, लखनऊ की प्रिया ने कहा, “मुझे बायोलॉजी सबसे आसान लगी। NCERT पर आधारित सवाल थे, लेकिन भौतिकी में कुछ सवाल इतने जटिल थे कि मैं उन्हें छोड़कर आगे बढ़ गई।”
छात्रों की प्रतिक्रियाओं से यह साफ है कि इस बार पेपर का कठिनाई स्तर मध्यम से कठिन के बीच रहा। भौतिकी को सबसे मुश्किल माना गया, जबकि बायोलॉजी को सबसे आसान। रसायन विज्ञान का स्तर मध्यम रहा, लेकिन कुछ सवालों ने छात्रों को समय के दबाव में परेशान किया।
विषय-वार विश्लेषण
1. भौतिकी (Physics)
भौतिकी का खंड इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में रहा, और वजह थी इसकी जटिलता। विशेषज्ञों के अनुसार, भौतिकी के सवाल उच्च स्तर के थे और इसमें गणनाओं (calculations) पर ज्यादा जोर था। एलन कोचिंग इंस्टीट्यूट के निदेशक ब्रजेश माहेश्वरी ने बताया, “भौतिकी के सवालों का स्तर पिछले सालों से ऊँचा था। कई सवालों में गहरी अवधारणाओं (concepts) की समझ जरूरी थी।”
छात्रों ने बताया कि मैकेनिक्स, इलेक्ट्रोस्टैटिक्स, और ऑप्टिक्स से ज्यादा सवाल आए। कुछ सवालों में लंबी गणनाएँ थीं, जिसके कारण समय की कमी महसूस हुई। उदाहरण के लिए, पटना के एक छात्र रोहन ने कहा, “मैंने भौतिकी में 35 सवाल हल किए, लेकिन कुछ सवाल इतने समय लेने वाले थे कि मैं बाकी सवालों तक पहुँच ही नहीं पाया।”
2. रसायन विज्ञान (Chemistry)
रसायन विज्ञान का खंड मध्यम स्तर का रहा, लेकिन इसमें कुछ अप्रत्याशित सवालों ने छात्रों को हैरान किया। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार ऑर्गेनिक केमिस्ट्री और फिजिकल केमिस्ट्री से ज्यादा सवाल थे, जबकि इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री के सवाल अपेक्षाकृत कम थे। एक खास बात यह थी कि इस बार “मल्टीपल करेक्ट ऑर्डर” टाइप के सवाल फिर से शामिल किए गए, जो कई साल बाद देखने को मिले। ये सवाल छात्रों के लिए उलझन भरे रहे।
कोलकाता की एक छात्रा, नेहा ने बताया, “केमिस्ट्री में कुछ सवाल सीधे NCERT से थे, लेकिन कुछ सवाल इतने लंबे थे कि उन्हें हल करने में दिमाग और समय दोनों की जरूरत थी।” विशेषज्ञों का मानना है कि जिन छात्रों ने NCERT को अच्छे से पढ़ा था, उनके लिए यह खंड स्कोरिंग हो सकता था।
3. बायोलॉजी (Botany + Zoology)
बायोलॉजी, जिसमें वनस्पति विज्ञान और प्राणी विज्ञान शामिल हैं, को इस बार का सबसे आसान खंड माना गया। अधिकांश सवाल NCERT की किताबों पर आधारित थे, जिसके कारण छात्रों को इस खंड में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। जेनेटिक्स, इकोलॉजी, और ह्यूमन फिजियोलॉजी से ज्यादा सवाल आए।
मुंबई के एक छात्र, विवेक ने कहा, “बायोलॉजी मेरे लिए सबसे अच्छा हिस्सा था। सवाल सीधे और स्पष्ट थे। अगर आपने NCERT अच्छे से पढ़ा है, तो 80-85% सवाल आसानी से हल हो सकते हैं।” हालाँकि, कुछ छात्रों ने बताया कि बायोलॉजी में सवालों की संख्या ज्यादा होने के कारण समय प्रबंधन एक चुनौती रहा।
विशेषज्ञों की राय: क्या बनाता है इस पेपर को अलग?
एलन, आकाश, और रेजोनेंस जैसे प्रमुख कोचिंग संस्थानों ने पेपर का विश्लेषण किया और कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। एलन के निदेशक ब्रजेश माहेश्वरी ने कहा, “इस बार का पेपर पिछले कुछ सालों में सबसे कठिन था। भौतिकी और केमिस्ट्री में सवालों की जटिलता और लंबाई ने छात्रों को दबाव में डाल दिया। बायोलॉजी NCERT आधारित थी, लेकिन समय की कमी ने इसे भी चुनौतीपूर्ण बना दिया।”
आकाश इंस्टीट्यूट के एक विशेषज्ञ ने बताया, “पेपर का डिज़ाइन इस तरह था कि यह छात्रों की अवधारणाओं की गहराई और समय प्रबंधन की क्षमता को परखे। जिन छात्रों ने नियमित अभ्यास किया और NCERT को अच्छे से पढ़ा, उनके लिए स्कोरिंग की संभावना ज्यादा है।”
रेजोनेंस के विश्लेषण के अनुसार, इस बार का पेपर 2016 के नीट पेपर की तरह कठिन था। विशेषज्ञों ने यह भी अनुमान लगाया कि इस साल कट-ऑफ पिछले साल की तुलना में कम रह सकती है, क्योंकि पेपर की कठिनाई के कारण औसत स्कोर कम होने की संभावना है।
छात्रों की चुनौतियाँ: समय और दबाव
इस साल नीट 2025 के पेपर की सबसे बड़ी चुनौती समय प्रबंधन रही। 180 सवालों को 3 घंटे में हल करना अपने आप में एक कठिन काम है, और जब सवाल जटिल हों, तो यह और भी मुश्किल हो जाता है। कई छात्रों ने बताया कि वे सभी सवालों तक पहुँच ही नहीं पाए।
चेन्नई की एक छात्रा, अनन्या ने कहा, “मैंने पहले बायोलॉजी की, क्योंकि वह मेरा मजबूत विषय है। लेकिन जब मैं भौतिकी और केमिस्ट्री पर आई, तो समय बहुत कम बचा था। मुझे कुछ सवाल छोड़ने पड़े, जो मेरे लिए निराशाजनक था।”
विशेषज्ञों का कहना है कि समय प्रबंधन के लिए छात्रों को मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस पेपर के जरिए पहले से तैयारी करनी चाहिए थी। यह भी सुझाव दिया गया कि भविष्य में छात्रों को पहले आसान सवाल हल करने चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा अंक सुरक्षित किए जा सकें।
कट-ऑफ की संभावना
नीट 2025 की कट-ऑफ को लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि इस साल कट-ऑफ 600-620 के बीच हो सकती है (जनरल कैटेगरी के लिए)। पिछले साल की कट-ऑफ 640-650 के आसपास थी, लेकिन इस बार पेपर की कठिनाई को देखते हुए यह थोड़ी कम रहने की उम्मीद है।
OBC, SC, और ST वर्ग के लिए कट-ऑफ क्रमशः 580-600, 550-570, और 540-560 के बीच हो सकती है। हालाँकि, यह सिर्फ अनुमान हैं, और अंतिम कट-ऑफ कई कारकों पर निर्भर करेगी, जैसे कि कुल उम्मीदवारों की संख्या, पेपर की कठिनाई, और औसत स्कोर।
पेपर लीक की अफवाहें और NTA की प्रतिक्रिया
पिछले साल के पेपर लीक विवाद के बाद इस बार NTA ने पहले से ही सतर्कता बरती। परीक्षा से पहले सोशल मीडिया पर पेपर लीक की कई अफवाहें फैलीं, लेकिन PIB और NTA ने स्पष्ट किया कि ये सभी दावे फर्जी थे। बिहार पुलिस और राजस्थान पुलिस ने भी छात्रों और अभिभावकों को साइबर फ्रॉड से सावधान रहने की चेतावनी दी।
NTA ने एक विशेष “सस्पीशियस क्लेम्स रिर्पोटिंग पोर्टल” शुरू किया, जिसके जरिए 1500 से ज्यादा फर्जी दावों की शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से ज्यादातर टेलीग्राम और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स से जुड़े थे। NTA ने साफ किया कि प्रश्नपत्र पूरी तरह सुरक्षित हैं और परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं हुई।
छात्रों के लिए सुझाव
परीक्षा के बाद अब छात्रों का ध्यान उत्तर कुंजी (Answer Key) और परिणामों पर है। NTA इस महीने के अंत तक आधिकारिक उत्तर कुंजी जारी करेगा, जबकि अनौपचारिक उत्तर कुंजियाँ कुछ कोचिंग संस्थानों, जैसे एलन और आकाश, ने पहले ही जारी कर दी हैं। छात्र इन उत्तर कुंजियों की मदद से अपने अनुमानित स्कोर की गणना कर सकते हैं। स्कोर की गणना का तरीका इस प्रकार है:
- सही उत्तरों की संख्या × 4
- गलत उत्तरों की संख्या × 1
- कुल अंक = (सही उत्तरों का स्कोर) – (गलत उत्तरों का स्कोर)
विशेषज्ञों का सुझाव है कि छात्र अब तनाव लेने के बजाय भविष्य की योजनाओं पर ध्यान दें। अगर स्कोर उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा, तो अगले साल की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। साथ ही, मेडिकल के अलावा अन्य करियर विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए।
निष्कर्ष
नीट यूजी 2025 का पेपर इस बार कई मायनों में खास रहा। कठिन भौतिकी, मध्यम रसायन विज्ञान, और NCERT आधारित बायोलॉजी ने छात्रों की तैयारी की गहराई को परखा। समय प्रबंधन इस बार की सबसे बड़ी चुनौती रही, और विशेषज्ञों का मानना है कि यह पेपर पिछले कुछ सालों में सबसे कठिन था। फिर भी, जिन छात्रों ने NCERT को अच्छे से पढ़ा और नियमित अभ्यास किया, उनके लिए अच्छे अंक लाने की संभावना है।
पेपर लीक की अफवाहों के बावजूद NTA ने इस बार परीक्षा को पारदर्शी और सुरक्षित ढंग से आयोजित किया। अब छात्रों को उत्तर कुंजी और परिणामों का इंतजार है। नीट 2025 ने एक बार फिर साबित किया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफलता के लिए कड़ी मेहनत, सही रणनीति, और धैर्य की जरूरत होती है।
हमारी शुभकामनाएँ सभी नीट 2025 के उम्मीदवारों के साथ हैं। अपनी मेहनत पर भरोसा रखें और आगे बढ़ें!